नर्मदा गौ-कुंभ के अंतिम दिवस माँ रेवा के तट पर महामंडलेश्वर स्वामी श्यामदास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ,स्वामी मुकुंददास महाराज एवं स्वामी नृसिंह दास महाराज सहित अनेक साधु-संतों ने शाही स्नान किया। शाही यात्रा में आगे-आगे ढोल-नगाड़े बज रहे थे और नागा साधु अपने अस्त्रों-शस्त्रों और कलाओं का प्रदर्शन करते हुये उत्साह बढ़ा रहे थे। शाही स्नान के पूर्व संतों ने संपूर्ण कुंभ परिसर का भ्रमण किया फिर नर्मदा तट पर स्नान के लिये पहुंचे।
पहले अखाड़ों एवं मठों के निशानों ने शाही स्नान किया तत्पश्चात संत समाज मां नर्मदा के जल में स्नान के लिये उतरा। इस दौरान विधि-विधान से पूजन भी किया गया। संत स्नान के बाद आम जनों ने भी नर्मदा स्नान कर खुद को कृतार्थ किया। शाही स्नान के पूर्व संतों-आचार्यों ने भगवान श्रीयोगेश्वर का पाटोत्सव, पूजन-अर्चन, महाआरती के साथ 56 भोग अर्पण किए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। संतों के दर्शन के लिये सुबह से ही ग्वारीघाट पर भक्तों की भीड़ कतारबद्ध होकर खड़ी थी। घाट पर श्रद्धालुओं की बड़ी मौजूदगी के मद्देनजर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने सभी तैयारियां सोमवार शाम को ही पुख्ता कर दी थीं। आज शाही स्नान के से पहले ही पुलिस बल मुस्तैद दिखाई दिया। यहां गोताखोरों की अतिरिक्त व्यवस्था की गयी थी, सभी टीमें सुबह से ही घाट पर पहुंच गयीं थीं।
-इंतजामों ने जीत लिया दिल
-नर्मदा की प्रवाह प्रदर्शनी को मिली सराहना
मां नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर उनके अंतिम पड़ाव तक की प्रवाह यात्रा को भटौली के विसर्जन कुंड के सामने एक प्रदर्शनी के रूप में बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया । मंगलवार को कुंभ के अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोग इस प्रदर्शनी को देखने पहुंचे और सराहा। नर्मदा के तट पर बसे शहरों और वन संपदा के साथ स्थानीय संस्कृति का भी वर्णन इस प्रदर्शनी में समाहित है। आदिकाल से प्रवाहित इस अनूठी नदी की प्रवाह कथा को कुंभ में आने वाले सभी जनों ने देखा।
-शासकीय स्टॉल्स ने लूटी वाहवाही
कुंभ में सरकार की ओर से स्थापित किये गये स्टॉल्स ने भी खूब वाहवाही बटोरी। इन स्टॉल्स में लोगों को न केवल नई योजनाओं की जानकारी सहज उपलब्ध हुयी,बल्कि युवाओं को कैरियर की राह भी मिली।
विसर्जन कुंड(भटौली) के सामने आयुष विभाग के स्टॉल पर कोरोना वायरस की दवा नि:शुल्क उपलब्ध रही। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्टॉल में कानूनी अड़चनों से बचने के लिये विधिक सलाह दी गयी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण जनजागृति शिविर में प्रदूषण रोकने के लिये लोगों को विविध माध्यमों से जागृत किया गया। नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विवि की टीम ने पशुपालन की आवश्कता को रेखांकित करने वाली अच्छी जानकारियां प्रदर्शित की । पंचगव्य के निर्माण को कैरियर के रूप में अपनाने के लिये युवाओं का मार्गदर्शन किया। शिक्षा विभाग के स्टॉल में लोग अपने बच्चों की शिक्षा से जुड़े प्रश्न लेकर आते रहे और निदान पाते रहे।
-मुफ्त परिवहन ने दूर की परेशानी
नर्मदा गौ-कुंभ में इस बार जिस तरह से जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस प्रशासन एवं स्मार्ट सिटी के अमले ने व्यवस्थायें की,उन्हें आम जनता ने दिल से सराहा, क्योंकि लोगों को कुंभ तक पहुंचने के लिये पैदल नहीं चलना पड़ा। पेजयल और प्रसाधन के लिये किये सरकारी इंतजाम भी कारगर सिद्ध हुये।
वहीं श्रद्धालुओं को बेहतर भोजन उपलब्ध कराने के लिये तैनात टीमों ने दिन-रात जुटकर काम किया। जिसका नतीजा ये हुआ कि कुंभ में भोजन सहज उपलब्ध होता रहा।
मुख्य रूप से दो भोजशालायें बनाई गयीं हैं। पहले पंडाल में साधु-संतों के साथ चलने वाले लोग भोजन कर रहे हैं तो दूसरे में आम जनता को भोजन कराया गया। सुबह नाश्ते के साथ दोपहर और रात्रि भोजन की व्यवस्था का सभी जन ने भरपूर लाभ उठाया।
-बेजोड़ साबित हुये सुरक्षा के बंदोबस्त
जिला पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से कुंभ को पहले दिन से ही बहुत गंभीरता से लिया और बंदोबस्त को रोज अपडेट किया जाता रहा। कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये 6 अस्थायी थाने बनाये गये। जहां से 24 घंटे पुलिस सहायता प्राप्त हुयी। पार्किंग के लिये 15 स्थान चिन्हित थे,जिनकी जिम्मेदारी दो सौ यातायात पुलिस कर्मी के कंधों पर थी, समय-समय पर ये बल बढ़ाया भी गया। पेयजल की आपूर्ति के लिये 5 हजार लीटर क्षमता वाली 28 टंकियां रखी गयीं। प्रसाधनों का इंतजाम आधुनिक तरीके से किया गया, जिनमें स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया । कुंभ क्षेत्र में बैठने के लिये कुर्सियों का इंतजाम भी किया गया ,जो श्रद्धालुओं, विशेषकर बुजुर्गों के लिये बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ। 24 घंटे 100 कैमरे कुंभ क्षेत्र पर नजर बनाये रखे, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। कैमरों की बदौलत ही कुंभ में बड़ी घटनायें नहीं हुयीं। इन सभी कैमरों को दो कंट्रोल रूम से जोड़ा गया। ये कैमरे रेत नाके से भटौली तक अलग-अलग प्वाइंट्स पर लगातार एक्टिव रहे।
-स्मृति में बस गये नौ दिन
राज्य सरकार और संत समाज द्वारा आयोजित नर्मदा गौ-कुंभ संत समागम 2020 श्रद्धालुओं की स्मृति में अमिट छाप छोड़ गया। कुंभ में संत समागम में संतों की वाणी ने लोगों को धर्म, संस्कृति और गौ रक्षण की दिशा में नई पहल करने के लिये प्रेरित किया। वित्त मंत्री तरुण भनोत के मार्गदर्शन में सारे आयोजन सानंद और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुये। मुख्य यजमान गौरव भनोत ने धार्मिक आयोजन के साथ व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग दिया। समागम में मां नर्मदा की स्वच्छता और सुरक्षा पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 12 बजे तक श्री नर्मदा महायज्ञ, महारुद्र यज्ञ एवं गोपुष्टि महायज्ञ के कार्यक्रम संपन्न हुये। पूर्वान्ह् 11.30 बजे से 3 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा प्रवक्ता आचार्य इंद्रेश उपाध्याय श्रीमद् भागवत कथा पर प्रवचन दिये। सायं 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक महाआरती में भक्तों की उपस्थिति प्रतिदिन बढ़ती रही। श्री नर्मदा महायज्ञ, महारुद्र यज्ञ एवं गोपुष्टि महायज्ञ के आयोजन में आचार्यों ने मंत्रोच्चार कर धर्म की अलख जगायी।