सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच बीजेपी की तत्काल फ्लोर टेस्ट (Floor test) वाली याचिका पर मंगलवार 17 मार्च को सुनवाई करेगी. ये याचिका शिवराज सिंह चौहान ने दाखिल की है
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नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) को अल्पमत में होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दाखिल की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कमलनाथ सरकार के खिलाफ तत्काल यानी 48 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की 2 जजों की बेंच इस मामले पर मंगलवार 17 मार्च को सुनवाई करेगी.
इस बीच राज्य में चल रहे सियासी घटनाक्रम में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब गवर्नर लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिख उन्हें मंगलवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है. राज्यपाल ने चिट्ठी में कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो माना जाएगा कि सरकार अल्पमत में है.
अभिभाषण के बाद 26 मार्च तक स्थगित हो गई थी विधानसभा
इससे पहले मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल लालजी टंडन का अभिभाषण हुआ. इसके तुरंत बाद विधानसभा 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. जब शिवराज सिंह चौहान ने ये याचिका ने ये याचिका लगाई तो सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने बताया कि याचिका में कुछ खामियां हैं. उन्होंने कहा कि यदि उन खामियों को दूर कर लिया जाता है तो शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी.