भोपाल : कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को बड़ी राहत मिली है. राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी ने दोनों के नामांकन को मंजूरी दे दी है.
मालूम हो मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से नामांकन पत्र दाखिल करने वाले दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया ने सोमवार को भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी के नामांकन पर लिखित आपत्ति दर्ज कराते हुए उनके नामांकन खारिज करने की मांग की थी. कांग्रेस की मांग पर निर्वाचन अधिकारी एपी सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी से लिखित आपत्तियों पर जवाब मांगा था.
दिग्विजय सिंह ने क्या लगाया था सिंधिया के नामांकन पर पेंच
अधिवक्ता एवं कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने कहा, नामांकन पत्रों की जांच के दिन दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन अधिकारी को आपत्ति दर्ज कराई है कि सिंधिया ने उनके खिलाफ लंबित मामलों का ब्योरा नहीं दिया है. धनोपिया ने कहा, न तो सिंधियाजी के हलफनामें और न ही उनके नामांकन पत्रों में उनके खिलाफ लंबित मामलों का उल्लेख है.
इसी प्रकार बरैया ने आपत्ति दर्ज कराई है कि सोलंकी का नामांकन पत्र खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद 13 मार्च को उनका सरकारी नौकरी से त्यागपत्र स्वीकार हुआ है. सोलंकी, बड़वानी के शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सहायक प्रोफेसर (इतिहास) के तौर पर पदस्थ थे और उन्होंने 12 मार्च को अपनी सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दिया.
धनोपिया ने निर्वाचन अधिकारी से कहा था कि सोलंकी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं क्योंकि जब 13 मार्च को उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया था तब तक उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं हुआ था. सोलंकी का त्यागपत्र 14 मार्च को स्वीकार किया गया है.
इसलिए बरैया ने सोलंकी के नामांकन पर आपत्ति उठाई क्योंकि यह नियमों का उल्लंधन है. मध्यप्रदेश की अप्रेल में रिक्त हो रही तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होने हैं. वर्तमान में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भाजपा के सत्यनारायण जटिया और प्रभात झा मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को पुन: अपना उम्मीदवार बनाया है. नामांकन पत्रों की वापसी 18 मार्च को होगी