मध्य प्रदेश में राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है.
भोपाल. मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट को लेकर लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य ने कहा कि राज्यपाल के कहने पर मुख्यमंत्री को सदन में फ्लोर टेस्ट करवाना ही पड़ता है. जब राज्यपाल को लगता है कि सरकार अलपमत में आ गई है, तो वह फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं. आपको बता दें कि सोमवार को मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिख 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है. राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि मंगलवार को फ्लोर टेस्ट कराएं, अगर ऐसा नहीं हुआ तो माना जाएगा कि सरकार को विधानसभा में बहुमत हासिल नहीं है.
विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है
इससे पहले लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य ने एमपी के ताजा हालात पर कहा कि ये एक नई स्थिति है. हाउस कैबिनेट के रिकमेंडेशन पर ही समन होता है. राज्यपाल समन कर कर सकते हैं. मध्य प्रदेश में राज्यपाल फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं. तारीख का विषय हो सकता है, लेकिन राज्यपाल की बात माननी चाहिए. विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार गिरा सकते हैं. यह एक प्रक्रिया है. राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है लेकिन उसे नहीं माना गया है. यह परंपरा नहीं है. राज्यपाल राष्ट्रपति को कह सकते हैं कि सरकार अल्पमत में है.
एमपी के राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ को खत लिखा
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है. राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है कि सरकार 17 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो माना जाएगा कि सरकार को सदन में बहुमत हासिल नहीं है.
इससे पहले, सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ. लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई. उसके बाद बीजेपी ने राज्यपाल लालजी टंडन के सामने अपने 106 विधायकों की परेड कराकर सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था. इधर, सीएम कमलनाथ ने बीजेपी को चुनौती दी थी कि अगर उसे लगता है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है, तो वो अविश्वास प्रस्ताव लाए.