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कोरोना वायरस पर PM मोदी ने की जनता कर्फ्यू की अपील, कहा- 22 मार्च को घर पर रहें

पीएम नरेंद्र मोदी लाइव स्पीच : देश में अब तक कोरोना वायरस के 173 मामले सामने आ चुके हैं. साथ ही 4 लोगों की मौत हो चुकी है.


नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  कोरोना वायरस  के कहर के चलते उत्पन्न हो रही स्थिति और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर आज रात 8 बजे देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले 2 महीने से हम लगातार दुनिया से आ रही चिंताजनक खबरें देख रहे हैं. 2 महीनों में भारत के लोगों ने इस महामारी का डटकर मुकाबला किया है. कोरोना वायरस ने पूरी मानव जाति को संकट में डाला है.' पीएम मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की है. उन्‍होंने देशवासियों से अपील की कि वह रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक घर ही रहें.

उन्‍होंने कहा कि सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक घर पर ही रहें. लोग घरों से बाहर ना निकलें. उन्‍होंने अपील की कि 10 साथियों को जनता कर्फ्यू के बारे में बताएं. रविवार को शाम 5 बजे सायरन बजाया जाएगा. सरकार ने वित्‍त मंत्री के नेतृत्‍व में कोविड 19 इकोनॉमिक टास्‍क फोर्स के गठन का फैसला लिया है.

'खाने-पीने की चीजों की कमी नहीं'
पीएम मोदी ने कहा कि इस महामारी के कारण देश की अर्थव्‍यवस्‍था को नुकसान पहुंचाया है. पीएम मोदी ने व्‍यापारियों से भी अपील की कि अगर उनका को कर्मी काम पर ना आ पाए तो उसका वेतन ना काटें. उन्‍होंने कहा कि देश के लोगों को आश्‍वस्‍त करता हूं कि देश में खाद्यान्‍न, दूध और अन्‍य सामान की कमी ना हो, इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. घर पर सामान एकत्र करने का काम ना करें. पहले जैसा ही माहौल रहने दें. घबराएं नहीं.


'मुझे आपके आने वाले कुछ सप्‍ताह चाहिए'
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे देशवासियों ने कभी निराश नहीं किया है. मैं आज 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपके आने वाले कुछ सप्‍ताह चाहिए. आपका आने वाला कुछ समय चाहिए. प्‍यारे देशवासियों अब तक महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं आया है, न ही वैक्‍सीन आई है. हर किसी की चिंता बढ़नी स्‍वाभाविक है.'

'130 करोड़ भारतीयों को संकल्‍प दृढ़ करना होगा'
पीएम मोदी ने कहा, 'भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है. इसलिए दो प्रमुख बातों पर ध्‍यान देना जरूरी है. ये हैं संकल्‍प और संयम. 130 करोड़ भारतीयों को संकल्‍प दृढ़ करना होगा कि हम खुद भी संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी बचाएंगे.' पीएम मोदी ने देशवासियों से कहा, 'सोशल डिस्‍टेंसिंग कोरोना वायरस से बचने का सही उपाय है. जितना हो सके, अपने घर पर रहें. घर से ही काम करें. आप घर से ही ऑफिस का काम करें. समाज को समारोहों से दूर रहना होगा.'

सरकार ने लिए हैं बड़े फैसले


वहीं देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्‍या बढ़कर 173 हो गई है. साथ ही अब तक 4 लोगों की मौत इससे हो चुकी है. पीएम मोदी के संबोधन से पहले ही सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर बड़े फैसलों का ऐलान कर दिया है. सरकार के फैसले के अनुसार 22 मार्च से विदेश से भारत आने वाली सभी यात्री उड़ानों की देश में लैडिंग पर एक सप्‍ताह तक रोक लगा दी गई है.

मोदी सरकार की ओर से राज्‍य सरकारों को यह भी कहा गया है कि वे सरकारी कर्मियों, मेडिकल प्रोफेशनल्‍स और जनप्रतिनिधियों के अलावा 65 साल की उम्र से ऊपर के बुजुर्गों को घर पर ही रहने के संबंध में निर्देश जारी किए जाएं.

इसके अलावा सरकार की ओर से 10 साल से कम उम्र के बच्‍चों को घर पर ही रहने को कहा गया है. उन्हें घर के बाहर निकलने से मना किया गया है. साथ ही रेलवे और विमानन कंपनियों से स्‍टूडेंट, मरीज और दिव्‍यांगों को छोड़कर अन्‍य सभी नागरिकों के लिए टिकटों में छूट को बंद करने को कहा गया है.

उच्‍चस्‍तरीय बैठक भी हुई थी
पीएमओ के अनुसार पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक भी की थी. इस बैठक में भारत की तैयारियों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई. इसमें जांच सुविधाएं और बढ़ाना शामिल था.

प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक तंत्र बनाने के लिए व्यक्तियों, स्थानीय समुदायों और संगठनों के साथ सक्रिय रूप से चर्चा करने पर जोर दिया है. उन्होंने साथ ही अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों से कहा कि वे आगे उठाये जाने वाले कदमों पर विमर्श करें.


पीएम लगातार कर रहे हैं अपील
प्रधानमंत्री नियमित रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से स्वयं को तैयार करने लेकिन नहीं घबराने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए गैर जरूरी यात्राएं से बचने और लोगों के एक जगह एकत्रित होने से बचने के विचार का समर्थन किया है. पीएम मोदी ने साथ ही उन लोगों के प्रति आभार जताया है, जो आगे रहकर कोरोना वायरस से मुकाबला कर रहे हैं जिसमें राज्य सरकारें, चिकित्सा क्षेत्र के लोग, पैरामेडिकल कर्मी, सशस्त्र बल कर्मी और अर्धसैनिक बल कर्मी, उड्डन क्षेत्र से जुड़े लोग और निकाय कर्मी शामिल हैं.


 


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