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कोरोना वायरस: NCP ने अपने सांसदों को दिल्ली आने से रोका, कहा- अपने इलाकों में मदद करें

संसद  का बजट सत्र  चल रहा है और सप्ताहांत   की वजह से कई सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में लौट गए हैं.


नई दिल्ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party- NCP) ने रविवार को अपने सांसदों (MPs) को दिल्ली (Delhi) नहीं आने और अपने-अपने इलाके में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में सरकारी एजेंसियों (Government agencies) की मदद का निर्देश दिया.


उल्लेखनीय है कि   (Parliament) का बजट सत्र चल रहा है और Weekend) की वजह से कई सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में लौट गए हैं.


NCP प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट कर सांसदों से किया अनुरोध





राकांपा (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने ट्वीट किया, ‘‘ राकंपा के सभी लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों (Rajya Sabha Members) से अनुरोध है कि वे दिल्ली (Delhi) वापस नहीं जाए, कृपया वहीं रहें जहां पर हैं और कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों की मदद कर रही सरकारी एजेंसियों की सहायता करें.’’


उल्लेखनीय है कि राकांपा (NCP) महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी सरकार में सहयोगी है.


TMC पहले ही अपने सांसदों को बंगाल वापस बुला चुकी है


इससे पहले ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार को घोषणा की थी कि उसने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे के मद्देनजर अपने सभी सांसदों (MPs) को संसद (Parliament) से लौटकर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वापस आने का निर्देश दिया है.


तृणमूल के सांसद (TMC MP) एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) में पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन और लोकसभा सांसद एवं लोकसभा (Lok Sabha) में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि सदन की कार्यवाही 23 मार्च (सोमवार) को पूरी कर दी जाए. तृणमूल के लोकसभा में 22 और राज्यसभा में 13 सदस्य हैं.'


'TMC पिछले 10 दिन से संसद को स्थगित करने की कर रही है मांग'


डेरेक ओ’ब्रायन (Derek O'Brien) ने कहा कि तृणमूल पिछले 10 दिन से संसद को स्थगित करने की सरकार से अपील कर रही है लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया.


पत्र में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने स्वयं सामाजिक दूरी बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता, बड़े समूहों में एकत्र नहीं होने और 65 साल एवं अधिक आयु के लोगों के बहुत एहतियान बरतने की जरूरत की बात की है.’’


राज्यसभा के 44% और लोकसभा के 22% सांसद 65 साल की उम्र से ज्यादा


पत्र में कहा गया है, ‘‘राज्यसभा में करीब 44 प्रतिशत सांसद और लोकसभा में 22 प्रतिशत सांसद 65 साल से अधिक आयु के हैं. यह केवल सांसदों का ही सवाल नहीं है बल्कि हर रोज संसद परिसर (Parliament Complex) में आने वाले हजारों लोगों का सवाल है. यह विरोधाभासी संदेश बहुत खतरनाक है.’’


पत्र में कहा गया है कि दोनों सदनों में करीब 110 घंटे की चर्चा में समय का महज तीन प्रतिशत हिस्सा ऐसा था जब कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (Global Pandemic) पर चर्चा की गई.


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