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कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए पड़ा रहा शव, कंधा भी नहीं दे पाए परिजन

शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना वायरस की वजह से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर भी काफी असमंजस थी। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की दखल के बाद उनका अंतिम संस्कार हुआ


हाइलाइट्स



  • शुक्रवार की रात दिल्ली में एक बुजुर्ग की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई थी

  • महिला का शव कई घंटे तक निगमबोध घाट पर रखा रहा क्योंकि अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं मिल रही थी

  • बाद में स्वास्थ्य मंत्री के दखल के बाद ही शव का अंतिम संस्कार हो पाया

  • सीएनजी से अंतिम संस्कार किया गया लेकिन परिजन कंधा नहीं दे पाए

  • राम त्रिपाठी, नई दिल्ली
     वायरस के चलते जान गंवाने वालीं दिल्ली की 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के दौरान उनके परिवार को काफी परेशानी से गुजरना पड़ा। महिला का शव करीब ढाई घंटे तक निगम बोध घाट पर रखा रहा। शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवार को इजाजत नहीं दी गई। दुखी और परेशान परिवारवाले रोते रहे, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोरोना से मौत होने पर शव के संस्कार के बारे में तब तक कोई गाइडलाइन सरकार की तरफ से नहीं आई थी

  • सीएनजी से हुआ अंतिम संस्कार

  • मृतक महिला के परिवारवालों की ओर से काफी मशक्कत के बाद और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के हस्तक्षेप से महिला का अंतिम संस्कार हो पाया। केंद्रीय मंत्री के निर्देश पर आरएमएल अस्पताल से डॉक्टर, निगम बोध घाट पहुंचे। उनके कहने पर घाट प्रशासन क्रिया करवाने के लिए राजी हुआ। अंतिम संस्कार सीएनजी की मदद से किया गया।

    मृतक महिला के परिवारवालों ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए आरएमएल अस्पताल से शव लेकर वह सुबह 10 बजे निगम बोध घाट पहुंचे थे। घाट प्रशासन को कोरोना से मौत की जानकारी मिली, तो शव को तुरंत वापस ले जाने के लिए कह दिया था। परिवार का कहना है कि घाट प्रशासन ने फोन पर उनसे कहा कि वे लोधी रोड घाट पर दाह संस्कार करें। परिवार के मुताबिक, उन्होंने लोदी रोड घाट पर फोन किया, तो वहां से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जवाब मिला कि जो व्यवस्था निगम बोध घाट के पास है, वही हमारे पास है। इस स्थिति से घाट पर हंगामे जैसी स्थिति हो गई थी।

    कंधा भी नहीं दे पाए परिजन
    महिला का शव ऐंबुलेंस में ही था। परिवारवाले रो रहे थे। परिवार के लोगों ने केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से कई बार संपर्क किया, तब जाकर उन्होंने आरएमएल अस्पताल से डॉक्टर को घाट पर भेजा और सीएनजी प्लैटफॉर्म पर संस्कार हो पाया। परिवार के लोग सीएनजी बिल्डिंग के बाहर ही खड़े रहे। वे शव को अंतिम बार कंधा तक नहीं दे पाए थे। अस्पातल से साथ आए 4 कर्मियों को ही प्लैटफॉर्म तक पार्थिव शरीर को ले जाने की इजाजत मिली।

    अब तक देश में इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 101 हो गई है। महाराष्ट्र में 31 मामले सामने आने के बाद यह संख्या बढ़ गई है। इनमें 15 नए मामले पुणे जिले के हैं। सरकार ने भी इसे आपदा घोषित कर दिया है और इस वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4 लाख रुपये की मदद राशि देने की घोषणा की है।

    शव से नहीं फैलता कोरोना वायरस
    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस का शिकार होने वाले लोगों के शवों की अंत्येष्टि के लिए दिशानिर्देश तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शव की अंत्येष्टि से कोरोनावायरस संक्रमण फैलने की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा कि दिशानिर्देश इस गलत धारणा को खत्म करने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। इसमें यह भी बताया जाएगा कि किसी मृतक से वायरस नहीं फैलता। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया भी यह कह चुके हैं कि संक्रमित व्यक्ति के शव से कोरोना नहीं फैलता।


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