प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत, सिंगर यूज प्लास्टिक बैन जैसे अभियान में जन भागीदारी का सफल प्रयोग किया है. उन्होंने समझ लिया है कि जनता को शामिल करके ही करोना से लड़ाई जीती जा सकती है. इसी कारण उन्होंने जनता कर्फ्यू की अपील की है.
जब गुरुवार रात 8 बजे पीएम ने देश को संबोधित करने का फैसला लिया था तो इसका इंतजार पूरे भारत को था. सस्पेंस इस बात का था की आखिरकार पीएम मोदी कोरोना के खिलाफ जंग में क्या ऐलान करने वाले हैं. कोई लॉक डाउन की बात कर रहा था, तो किसी की जुबान पर था कि पीएम मोदी कोई झटका तो नही देने वाले. शाम को तो सरकार को एक खंडन जारी करना पड़ा कि अफवाहें बेबुनियाद हैं. ऐसे में जब पीएम मोदी बोले तो साफ हो गया की कोरोना आए जंग में उन्हें जान भागीदारी की कितनी चिंता है और साथ ही चिंता इस बात की भी है कि इससे अर्थ व्यवस्था पर पड़ रहे असर को कम कैसे किया जाए.
कोरोना संकट में 24/7 जूझ रहे कर्मियों की सराहना
पीएम मोदी ने कहा कि ये ऐसा संकट जिसने पूरी मानव जाति को संकट में डाला. विश्व युद्ध तक ने इतने लोगों को नही प्रभावित किया जितना इस बीमारी ने किया. पिछले 2 महीने में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने इससे बीमारी का डट कर मुकाबला किया है. इस लड़ाई में उनके योगदान को हमेशा याद रखना होगा जिन्होंने अपनी सेहत की परवाह किये बिना ही पूरा समय कोरोना के नाम दे दिया. इन्हीं अनाम सेवाकर्मियो को सैल्यूट करने के लिए पीएम मोदी ने अपील की. पीएम ने कहा कि रविवार यानी मार्च 22 को शाम 5 बजे हर घर में लोग अपनी बालकनी या छत पर आकर ताली बजाएं या फिर थाली बजाएं. यही उन्हें सच्चा धन्यवाद होगा.
जनता कर्फ्यू की अपील
पीएम ने कहा कि संकल्प और संयम बहुत जरूरी है इस महमारी के खिलाफ लड़ाई में. इससे लिए देश की जनता को अपने लिए, जनता के द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू लागू करना चाहिए. पीएम ने अपील की की 22 मार्च यानी रविवार को देश के 130 करोड़ खुद पर कर्फ्यू लगाएं. पीएम ने इसे जनता कर्फ्यू का नाम दिया जो सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा. शाम 5 बजे बालकनी या दरवाजे पर खड़े होकर सेवा में लगे लोगों का आभार प्रकट करने का आह्वान भी किया.
सोशल डिस्टेनसिंग पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि देश ने कोरोना का अब तक डट कर मुकाबला किया है. ऐसा माहौल बना है कि लग रहा है सब ठीक है. लेकिन वैश्विक महामारी से बचने की सोच सही नही. देश की जनता से जो भी मांगा है, कभी देशवासियों ने निराश नही किया. उन्होंने कहा कि देशवासियों से कुछ मांगने आया हूँ. आपके आने वाला कुछ समय चाहिए. कुछ हफ्ते चाहिए. विज्ञान को कोई निश्चित उपाय सूझा नही पाया है और न ही कोई दवा बनी है. जहाँ बीमारी फैली वहां शुरुआती दिनों के बाद कोरोना बीमारी का मानो विस्फोट हुआ है. इस लिए आने वाले दिनों में सोशल डिस्टेसिंग जरूरी है. इसके तहत बुजुर्ग और बच्चे घर पर ही रहें. दफ्तरों और प्राइवेट सेक्टर में लोग घर से काम करें जैसी कई एडवाइजरी का पालन करने को भी कहा.
अर्थव्यवस्था की चिन्ता
पीएम मोदी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे व्यापक असर से भी चिंतित दिखे. पीएम मोदी ने ऐलान किया कि वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक कोविद19 इकॉनोमिक टास्क फोर्स भी गठित किया है. ये टास्क फोर्स तमाम स्टेक होल्डर्स से बात करके ये सुनिश्चित करेगा कि अर्थव्यवस्था के सभी खंभे मजबूती से खड़े रहे.
पीएम मोदी ने अपने पूरे कार्यकाल में कई मुहिमों को जन आंदोलन में बदल है. चाहे हो स्वच्छ भारत अभियान हो या फिर सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन, पीएम ने आम आदमी को भागीदार बनाने में खासी सफलता पाई है. इस बार जन भागीदारी की जरूरत एक महामारी के खिलाफ जंग में है और भारत का हर नागरिक ये साबित करने में कोई कसर नही छोड़ेगा की ये लड़ाई सरकार की नहीं बल्कि उसकी है उसके समाज की है और कोरोना के खिलाफ जंग में यही जज्बा जीत की राह पर ले जाएगा.