स्कूलों में परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। परीक्षाओं की तैयारियों के दौरान विद्यार्थियों को तेज आवाज में ध्वनि व कोलाहल होने से अध्ययन करने में कोई परेशान न हो। इसलिए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री गोपालचंद्र डाड ने 7 मार्च से 6 मई 2020 तक जिले की राजस्व सीमा अंतर्गत संपूर्ण जिले को कोलाहल क्षेत्र घोषित किया है। कोलाहल क्षेत्र के दौरान कोई भी व्यक्ति, संगठन, ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग इत्यादि सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के बिना किसी भी स्थान या वाहन पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं करेगा। साथ ही डीजे पर भी पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। किसी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, टेलिफोन एक्सचेंज, न्यायालय, शिक्षण संस्थान, छात्रावास, शासकीय/अर्द्धशासकीय संस्थाओं के कार्यालय, स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालय तथा बैंक परिसर से 100 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्र या लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग नहीं किया जाएगा और नहीं इस अवधि में उपयोग की अनुमति प्रदान की जाएगी। किसी कार्यक्रम विशेष में तीन घंटे से अधिक अवधि के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह अनुमति इस शर्त पर दी जाएगी कि ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग से इस अधिनियम में परिभाषित “कोलाहल“ उत्पन्न न हो। यह प्रतिबंध शासकीय व प्रशासकीय कार्यक्रमों के आयोजन में लागू नहीं होगा।
विभिन्न अधिकारियों को घोषित किया विहित प्राधिकारी
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री डाड ने अधिनियम के प्रयोजन के लिए अधिनियम की धारा 2 (घ) के अंतर्गत अनुमति जारी करने एवं तत्संबंधी अन्य कार्य करने के लिए 10 अधिकारियों को उनके स्थान के लिए विहित प्राधिकारी घोषित किया है। इनमें तहसील खरगोन, भीकनगांव, बड़वाह, मंडलेश्वर एवं कसरावद में अनुविभागीय दंडाधिकारी तथा तहसील सनावद, तहसील गोगांवा, सेगांव, तहसील भगवानपुरा और झिरन्या तहसीलदारों को विहित प्राधिकारी घोषित किया है।
खरगोन --- जिलादंडाधिकारी ने किया जिले को कोलाहल क्षेत्र घोषित
Monday, March 09, 2020
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