निर्वाचन प्रेक्षकों की कार्यशाला में राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह
मध्यप्रेदश राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने नगरीय निकायों और पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के पर्यवेक्षण के लिये नियुक्त प्रेक्षकों की कार्यशाला में कहा कि आगामी नगरीय निकाय एवं पंचायतों के आम-चुनाव ई.व्ही.एम. से ही कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि त्रुटि रहित मतदाता सूची बनाना आयोग का पहला उद्देश्य है। श्री सिंह ने कहा कि मतदाता का नाम एक ही स्थान पर होना चाहिये।
श्री बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि पर्यवेक्षक यह देखें की मतदाता सूची में दावे-आपत्तियों के लिये समुचित व्यवस्था की गई है कि नहीं। दावे-आपत्ति केन्द्र में बैनर लगवायें। दावे-आपत्ति केन्द्र नियमित रूप से खुलें। उन्होंने बताया कि वार्डों के परिसीमन के आधार पर प्रारूप मतदाता सूची बनाई गई है।
आयोग की उप सचिव श्रीमती अजीजा सरशार ज़फर ने कहा कि कंट्रोल टेबल का वेरीफिकेशन ठीक ढंग से होना चाहिये। उन्होंने पिछले आम-चुनाव के दौरान बनाई गई मतदाता सूची में आयी त्रुटियों की ओर प्रेक्षकों का ध्यान आकृष्ट किया। श्रीमती ज़फर ने कहा कि इस तरह की त्रुटियों की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिये। प्रेक्षक 16 से 20 मार्च और 29 अप्रैल से 4 मई तक जिलों में रहेंगे।
अवर सचिव श्री प्रदीप शुक्ला ने नगरीय निकायों की फोटोयुक्त मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण के निर्देश भी दिये गये हैं। श्री शुक्ला ने बताया कि नगरीय निकायों में 244 और पंचायत चुनावों के लिये 534 अतिरिक्त मतदान केन्द्र बनाये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्र में मतदाता संख्या 1000 से 1200 और ग्रामीण क्षेत्र में 500 से 700 पर मतदान केन्द्र बनाने का प्रावधान है। श्री शुक्ला ने बताया कि मतदाता सूची से संबंधित जानकारी के लिये आयोग और एम.पी.एस.ई.डी.सी. में कंट्रोल रूम बनाये गये हैं।
एम.पी.एस.ई.डी.सी. के प्रबंधक श्री राजेश दिघे ने मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। कार्यशाला में आयोग के सचिव श्री दुर्ग विजय सिंह, ओ.एस.डी. श्रीमती सुनीता त्रिपाठी, उप सचिव श्री अरूण परमार, उप सचिव डॉ. सुतेश शाक्या एवं प्रेक्षक उपस्थित थे।