इंदौर ----मध्यप्रदेश शासन द्वारा भू-राजस्व संहिता में गत 25 सितम्बर, 2018 से कई संशोधन किये गये हैं।
भूमि के व्यपवर्तन के पश्चात प्रति वर्ष व्यपवर्तित भूमि पर भू-भाटक एवं पंचायत उपकर शासन के खाते में जमा करना होता है। नवीन संशोधन के पूर्व भू-भाटक एवं पंचायत की बकाया राशि पर ब्याज नहीं देना पड़ता था, किन्तु म.प्र. शासन के पत्र द्वारा नवीन संशोधन के पश्चात संहिता की धारा- 143 के प्रावधानों के अनुसार यदि भू-राजस्व का भुगतान नियत कालावधि में नहीं किया जाता है तो बकाया पर प्रथम बारह मास के लिये 12 प्रतिशत और उसके पश्चात् की अवधि के लिये 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज भुगतान की तिथि 31 मार्च, 2020 तक देय होगा। राज्य शासन द्वारा दिये गये लक्ष्य की पूर्ति करने हेतु कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव के निर्देशन में सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार प्रयासरत हैं।
अपर कलेक्टर श्रीमती कीर्ति खुरासिया ने बताया कि डायवर्सन की बकाया राशि शासन हित में जमा करने हेतु प्रशासन के साथ ही व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी व्यपवर्तित भूमिधारकों की है कि वह समय-सीमा 31 मार्च के पूर्व भू-भाटक एवं पंचायत की राशि शासन के खाते में जमा करायें और अनावश्यक बकाया की राशि पर ब्याज देने से बचें।