कोरोना वायरस के चलते सरकार के दिशा निर्देशों के मद्देनजर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है.
उज्जैन(मप्र). कोरोना वायरस (coronavirus) के चलते सरकार के दिशा निर्देशों के मद्देनजर उज्जैन (ujjain) के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर (mahkal temple) के गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह प्रतिबंध महाकाल की भस्म आरती के दौरान भी लागू होगा. भगवान शिव का उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर देश के बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है.
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर एसएस रावत ने मन्दिर के समस्त पुजारियों, पुरोहितों एवं उनके प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु आगामी आदेश तक गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश पर प्रतितबंध लगा दिया है.
लिए गए ये फैसले
आधिकारिक तौर पर सोमवार को बताया गया कि यहां आने वाले समस्त दर्शनार्थियों को प्रात: 6 बजे से चलते हुए भगवान महाकाल के दर्शन करायेंगे. मन्दिर परिसर स्थित अन्य मन्दिरों में बांधे जाने वाले रक्षासूत्र, कलावा, धागे, डोरे इत्यादि बांधने पर पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मन्दिर परिसर में होने वाले समस्त पूजन, अनुष्ठानों में अधिकतम 20 सदस्यों की संख्या भी निर्धारित की गई है.
इसके साथ ही आगामी आदेश तक मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र एवं महाकालेश्वर अतिथि निवास तथा श्री महाकालेश्वर पं.सूर्यनारायण व्यास अतिथि निवास को भी बन्द करने का निर्णय लिया गया है.
सुरक्षाकर्मी तैनात
श्री महाकालेश्वर मन्दिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मन्दिर में कार्यरत समस्त सफाईकर्मी निरन्तर उन स्थानों (जैसे रेलिंग आदि) को कीटाणुनाशक से साफ करेंगे, जहां श्रद्धालु अपने हाथ इत्यादि स्पर्श करते हैं. मन्दिर के समस्त प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं को प्रवेश के दौरान सेनिटाइजर से हाथ धुलवाकर मन्दिर में दर्शन के लिये प्रवेश करायेंगे. साथ ही दर्शनार्थियों के स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी लेंगे.
आइसोलेशन सेंटर में मेडिकल जांच
श्री महाकालेश्वर मन्दिर में आम दर्शनार्थियों के साथ-साथ विदेशी श्रद्धालु भी दर्शन के लिये आते हैं. उन विदेशी श्रद्धालुओं की फार्मेट में जानकारी प्राप्त करने के बाद संतुष्ट होने पर उनकी जिला अस्पताल द्वारा संचालित कोरोना आइसोलेशन सेन्टर में मेडिकल जांच हेतु भेजा जायेगा. प्रवेश द्वारों पर दर्शनार्थियों की थर्मामीटर से चेकिंग की जायेगी.