एक बात ---------
4 दिन पहले की बात है हम चार दोस्त हाई वे नंबर 2 पर जा रहे थे। कार 120 की स्पीड में थी।
ड्राइव करने वाले के साथ बैठे दोस्त ने बेल्ट नहीं लगा रखी थी। आगे ट्रक था, ज्यों ही वो गुजरा कोई साइकिल वाला अचानक सामने आ गया। वह उड़ने वाला ही था कि ड्राइव वाले मित्र ने बड़ी बहादुरी दिखाते कार को साइड कट करते और ब्रेक व हैंड ब्रेक प्रयोग करते बचाया लेकिन हमें इतनी जोर का झटका लगा कि पीछे बैठे हमारा सिर छत से टकराया। ड्राइवर सीट के पास बैठा दोस्त आगे विंड स्क्रीन से टकराने से मुश्किल से बचा।
ड्राइव करने वाले ने चूंकि बेल्ट लगाई हुई थी इसलिए भयंकर झटके के बावजूद वो स्टेयरिंग संभाले रहा वरना कार निश्चित रूप से साइड में कहीं टकरा कर पलट जाती।
यहां उसकी बेहतरीन ड्राइव के साथ बेल्ट ने अपना कार्य बखूबी से किया। पीछे बैठे हमनें भी पिछली सीट पर बेल्ट होने के बावजूद जैसा कि होता है बेल्ट नहीं लगाई हुई थी, जब कि अब लगभग सभी गाड़ियों में पिछली सीट पर भी बेल्ट सिस्टम हैं। आगे वाले दोनों के लिए तो लगाना आवश्यक है ही।
बाइक पर दोनों सवारियों का हेलमेट न लगाना तो और भी खतरनाक है। मेरे एक अन्य मित्र जो अरविंद नाम से ग्रुप में भी हैं पिछले साल स्कूटी से अचानक गिर पड़े। लोकल में हेलमेट हम कहाँ लगाते हैं। ज्यूँ ही वो गिरे पीछे से एक बाइक वाला आ गया उसने बचाने का बहुत प्रयास किया मगर बचाते बचाते भी लेग गार्ड ने अपना काम कर दिया और उनके चेहरे और सर को कई जगह से खुरच डाला। महीनों इलाज हुआ। अगर हेलमेट होता तो काफी बचाव होता।
अतः हमें भूल से भी ऐसी भूलें नहीं करनी चाहिए।
सही कहा, जो सावधानियां हम कोरोना के लिए दिखा रहे हैं वैसे ही बाइक और गाड़ी में दिखानी चाहिए।
बाइक में भी कार की सीट बेल्ट की तरह कोई ऐसा सिस्टम होना चाहिए
Wednesday, March 11, 2020
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