"नमस्ते ओरछा" महोत्सव
में देशी-विदेशी पर्यटकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और एडवेंचर गतिविधियों का भरपूर आनंद लिया। तीन दिन तक चले इस महोत्सव में मिले स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने बातचीत में बताया कि उनके लिए "नमस्ते ओरछा" अदभुत यादगार बन गया है।
पुर्तगाल से ओरछा पहुंचीं सोफिया एना ने कहा कि उन्हें यह स्थान बहुत रमणीक और इतिहास से रूबरू कराने वाला लगा। उन्हें शिल्प मेला बहुत पसंद आया। पर्यटन के नक्शे पर ओरछा को अहम स्थान दिलाने की मध्यप्रदेश शासन की कोशिश की ओरछा के रहवासियों ने खुले दिल से सराहना की है। ओरछा में बस स्टैंड के पास जनरल स्टोर चलाने वाले दिनेश यादव का मानना है कि ओरछा भारत के खास पर्यटन केंद्रों में शामिल हो गया है। ओरछा के पास उत्तरप्रदेश के बरूआ सागर में कृषि कार्य करने वाले पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि ओरछा में काफी सुविधाओं का विकास हो रहा है। इसी तरह ओरछा के पास चंद्रपुरा निवासी सत्येंद्र चौहान ने बताया कि ओरछा में अब व्यवसाय बढ़ेगा और छोटे दुकानदार आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। उज्जैन से ओरछा पहुँचे प्रभात त्रिपाठी ने कहा कि ष्नमस्ते ओरछाश्श् महोत्सव का आयोजन पूरी तरह सफल और सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि ओरछा के शिल्पियों को भी प्रदेश और देश में अपने प्रोडक्ट बेचने की सुविधा मिले। उन्होंने आशा जताई कि शिल्पग्राम और क्राफ्ट बाजार से शिल्पियों को अपनी आय बढ़ाने का अवसर मिलेगा। पृथ्वीपुर में शिक्षक के पद पर काम कर रहे श्री इमरान तौकीर ने कहा की इस पूरे अंचल की अर्थ-व्यवस्था को इन गतिविधियों से लाभ होगा। सब्जी-पूरी की दुकान पर काम करने वाले प्रेम यादव को भरोसा है कि महोत्सव के आयोजन से ओरछा के लोगों का भाग्य जरूर बदल जाएगा। इस साल महोत्सव से बहुत अच्छी कोशिश की गई है, जिससे छोटे व्यवसायिक संस्थान बेहतर स्थिति में आ जाएंगे। युवा वर्ग भी "नमस्ते ओरछा" महोत्सव के आयोजन से बहुत प्रसन्न नजर आए। कक्षा दसवीं में पढ़ने वाले प्रिंस परिहार से मिष्ठान भंडार पर मुलाकात हुई। वह परिजनों को दुकान पर काम में हाथ बंटाता है। प्रिंस ने बताया कि अब ओरछा में जनता की सुविधाएं भी बढ़ रही हैं। रामराजा मंदिर के पास ड्यूटी कर रही महिला आरक्षक नेहा यादव ने कहा कि मंदिर की नई साज-सज्जा से पर्यटक और श्रद्धालु, सभी खुश हैं। बेतवा नदी के घाट आकर्षक होने से आरती में शामिल लोगों की संख्या भी बढ़ गई है।