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वन विहार की शोभा बढ़ाएंगे बाँधवगढ़ में पले बाघ-बाघिन

बाघ शावक जोड़ा बाँधवगढ़ से वन विहार के लिये रवाना


बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया से 2 बाघ (एक नर एक मादा) शावक आज दोपहर में भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के लिये रवाना किये गये। दोनों बाघ शावक 2 साल 3 माह की उम्र के हैं और एक ही माँ की संतान हैं। बाघ शावकों के आने के बाद वन विहार में 12 बाघ हो जायेंगे।


उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघ शावकों को शिकार के पास पाया था। ये शावक बाघिन टी-20 की संतान के थे। प्रबंधन ने दोनों शावकों की दो दिन तक निगरानी की लेकिन इनकी माँ इन्हें लेने नहीं आई। बाँधवगढ़ प्रबंधन ने इन्हें बाड़े में लाकर दूध पिलाकर जीवित रखा। धीरे-धीरे इन्हें कीमा, कटा हुआ मुर्गा, बकरे का का माँस, जीवित पाड़ा, जीवित चीतल आदि दिये गये। इन्होंने बाड़े में शिकार कर खाना भी सीखा। एक वर्ष 4 माह की उम्र में इन्हें बहेरहा स्थित बाड़े में शिफ्ट किया गया।


शावकों को वन में छोड़ने के पहले एक विशेषज्ञ दल ने उनके व्यवहार का परीक्षण किया। चूँकि ये शावक बचपन से ही मनुष्यों द्वारा पाल-पोसकर बड़े किये गये थे, इसलिये ये मनुष्य की उपस्थिति के आदी हो चुके थे और बाड़े के समीप पहुँचे किसी भी व्यक्ति के करीब आने का प्रयास करते थे। विशेषज्ञ दल ने वयस्क हो जाने पर इन शावकों को वन विहार भेजने की अनुशंसा की, जिसके आधार पर इन्हें आज वन विहार के लिये रवाना किया गया।


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