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तनाव को दूर करने के लिए सीबीएसई ने हेल्पलाइन शुरू की "विशेष लेख" -

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 26 फरवरी से शुरू हो रही हैं। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर स्टूडेंट्स ही नहीं, उनके माता-पिता भी काफी तनाव में रहते हैं। इस तनाव को दूर करने के लिए सीबीएसई ने हेल्पलाइन शुरू की है, जिसमें काउंसलर्स बच्चों और पैरेंट्स की शंकाएं दूर कर रहे हैं। वहीं बोर्ड की अध्यक्ष ने भी बच्चों के नाम एक चिट्ठी लिखी है, जो उनका हौसला बढ़ाती है। स्टूडेंट्स और पैरेंट्स इस चिट्ठी को जरूर पढ़ें इस चिट्ठी के कुछ अंश यहां दिए जा रहे हैं।


26 से होगी सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा शुरू

   टीकमगढ़ जिले में 26 फरवरी से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होंगी। जिलेभर में करीब 500 से अधिक परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे। आठ स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 530 विद्यार्थी 6 केंद्रों पर परीक्षा देंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जानकारी के अनुसार सुबह आठ बजे से इन केंद्रों पर परीक्षा शुरू होगी जो कि दोपहर 11 बजे तक चलेगी।


विद्यार्थियों के नाम चेयर पर्सन का पत्र

   प्यारे बच्चों, सिर्फ बोर्ड एक्जाम ही स्कूलिंग नहीं है। स्कूल के दौरान मैं घर लेकर क्या जाती थी? मुझे याद आता है पिकनिक, एनुअल डे, स्पोर्ट्स डे, दोस्त और मस्ती। पढ़ाई की बात करूं तो धुंधली यादें ही हैं-जैसे इतिहास में ढेर सारी तारीखें होती थीं, जिन्हें तब मैंने याद किया था, लेकिन आज याद नहीं । मैं दोस्तों से कहती थी - जिंदगी में कुछ भी करना, पर इतिहास मत बनाना, क्योंकि अगली पीढ़ी के बच्चे तुम्हें कभी माफ नहीं करेंगे। ज्योग्राफी में मैं अमेरिका को कोसती थी, कि उनकी वनस्पति, जीव, जंगल अफ्रीका से बिल्कुल अलग क्यों है। दुनिया एक जैसी, साधारण क्यों नहीं हो सकती? मैथ्स में तो मैं अलाइस इन वंडरलैंड जैसी थी, लेकिन बायोलॉजी के लिए मेरे मन में जिज्ञासा थी। आर्ट रूम में मैं बेहतर करती थी। अच्छा लगता था कि एक खाली कैनवास पर मैं कुछ रंगों के जरिए कुछ भी रच सकती थी। मुझे यह याद नहीं है कि बोर्ड में क्या सवाल पूछे गए थे और उन्हें मैंने कैसे हल किया था। मैं यह सब शेयर कर रही हूं कि क्योंकि मैं बताना चाहती हूं, कि हम एडल्ट आज जहां हैं, वहां तक हर सबजेक्ट में बेस्ट होकर नहीं पहुंचे हैं। स्कूलिंग हमें हर सब्जेक्ट का एक्सपोजर देता है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा यह लाइफ लॉन्ग लर्नर बनाता है, वैल्यूज और स्किल्स सिखाता है। आपके भविष्य के एम्प्लॉयर इस बात की फिक्र नहीं करेंगे कि स्कल में आपको नंबर कितने मिले थे। लेकिन वे यह जरूर जानना चाहेंगे कि क्या आप मेहनती, क्रिएटिव, काम में ईमानदार, जेंडर सेंसिटिव हैं या नहीं। आपको पता हो या ना हो, लेकिन मुझे यकीन है कि आप सभी इन क्वालिटीज, स्किल्स, वैल्यूज को हासिल कर चुके हैं। तो जहां तक आपके फ्यूचर की बात है, आप सभी से पास हो चुके हैं। इस तरह जो चीजें आपने सीख ली हैं उसकी लिस्ट बहुत लंबी है। इसी लिस्ट का एक छोटा सा हिस्सा हैं एक्जाम। यह उतनी बड़ी चीज नहीं, जितना इसे बना दिया गया है। यह तो सफर का एक हिस्सा है, जिससे पता चलता है कि आपकी काबिलियत किसमें है। यह मुमकिन होगा एक विश्वास से-मैं कर सकता/सकती हूं। तो अपनी इन्हीं क्षमताओं के दम से अपनी चिंताओं पर हमला बोल दीजिए और उन्हें पस्त कर दीजिए। मेहनत कीजिए, अच्छा कीजिए ।


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