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सहचरी का बिछोह नहीं सह पाया बारासिंघा

भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आज सुबह वयोवृद्ध बारासिंघा मृत पाया गया। गत 20 फरवरी को सहचरी मादा बारासिंघा की मृत्यु के बाद से ही यह बारासिंघा उदास और अनमना-सा था।


वन विहार में वर्ष 2015 में कान्हा टाइगर रिजर्व से 7 बारासिंघा वन विहार लाये गये थे, जिनमें यह जोड़ा शामिल था। इनकी संख्या बढ़कर 17 हो गई थी। इन दोनों बारासिंघा की मृत्यु के बाद वर्तमान में वन विहार में 15 बारासिंघा बचे हैं। पोस्टमार्टम में दोनों की मृत्यु अतिवृद्ध होने के कारण आंतरिक अंगों के काम न करने से पाई गई। राज्य पशु चिकित्सालय, भोपाल के पशु चिकित्सक डॉ. एस.के. तुमड़िया और एसओएस की वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. ऋचा अग्रवाल ने नर बारासिंघा की मृत्यु को अति-वृद्धावस्था के कारण स्वाभाविक मृत्यु बताया है। संचालक श्रीमती कमलिका मोहंता, सहायक संचालक श्री ए.के. जैन और स्टॉफ की मौजूदगी में मृत बारासिंघा का अग्नि संस्कार कर दिया गया।


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