आयुष विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में निर्णय
महाविद्यालयीन चिकित्सालयों तथा अन्य चिकित्सालयों में आईपीडी सेवाओं का विस्तार किया जायेगा। प्रत्येक आयु वर्ग के रोगियों के विशेष अभियान चलाकर कुपोषण, एनीमिया, अर्थरायटिस, चर्म रोग आदि का उपचार किया जाएगा। वृद्धावस्था के रोगियों को आयुष पद्धति से विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इन विषयों पर भविष्य में महाविद्यालयों में वर्कशॉप भी होंगे। ये निर्णय आयुक्त-सह-सचिव, आयुष डॉ. एम.के. अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में लिये गये। डॉ. अग्रवाल ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्य-योजना पर काम करने के निर्देश दिये।
वीडियों कॉन्फ्रेंस में स्वर्ण-प्राशन योजना को प्रदेश में बड़े पैमाने पर लागू करने के लिये आवश्यक निर्देशों का पालन करने को कहा गया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बच्चों में स्वर्ण-प्राशन क्रिया कराये जाने के लिये आयुष औषधालय और आयुष विंग में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित किया जाये। पुष्य नक्षत्र के दिन शासकीय अवकाश होने पर भी स्वर्ण-प्राशन किया कराई जाये। आगामी पुष्य नक्षत्र की तिथि की सूचना बच्चों के अभिभावकों को उनके मोबाइल नम्बर एसएमएस के जरिये भेजने की योजना बनाई जाए।
समीक्षा बैठक में तय किया गया कि पंचकर्म चिकित्सा को और अधिक बढ़ावा दिया जायेगा। इसका लाभ ज्यादा लोगों को मिले, इसके लिये कार्य-योजना बनाई जाएगी और वर्कशॉप आयोजित किये जाएंगे। इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन एवं भोपाल में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टॉफ को इसके जरिये प्रशिक्षित किया जायेगा। अर्श फिशर के इलाज में कारगर क्षारसूत्र विधि की विधा को अधिकाधिक लोगों तक पहुँचाने के लिये चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिये भी एक वर्कशॉप आयोजित की जायेगी।
आयुक्त डॉ. अग्रवाल ने बताया कि संस्थाओं में 8 से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा मनाया जाए। इसमें गर्भवती माताएँ, धात्री माताएं, किशोरी बालिकाएँ, बच्चों के लिये हेल्थ एण्ड न्यूट्रीशियन कैम्प और जागरूकता शिविर आयोजित किये जायेंगे। कैम्प संस्थाओं के ग्रामीण विद्यालय और हाट-बाजार स्तर पर आयोजित होंगे।