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परीक्षाओं के मद्देनजर ध्वनि विस्तारक यंत्रो के उपयोग पर प्रतिबंध

माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित हाईस्कूल हायर सेकेन्ड्री की वार्षिक परीक्षाऐं 1 मार्च 2020 से प्रारंभ हो रही है। इस दौरान यह देखने में आ रहा है कुछ व्यक्तियों या समूहो द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का दुरूपयोग कर बुहत अधिक तीब्रता से उनको बजाया जा रहा है। जिससे परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारियों में बाधा उत्पन्न हो रही है तथा लोक परिशांति भी विक्षुब्ध हो रही है जिससे लोगों के मध्य विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
    कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री छोटेसिंह ने लोक परिशांति बनाए रखने एवं तथा विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारियों हेतु शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने हेतु मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनयमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 के तहत 28 फरवरी 2020 से परीक्षा समाप्ति की अवधि के लिए आदेश दिए जाते है कि कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे लाउड स्पीकर, डेक, डीजे इत्यादि का उपयोग किसी सभा, सम्मेलन, जलूस, कार्यक्रम, जलसा या चलित वाहन इत्यादि में नहीं करेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। चूंकि यह आदेश तत्काल रूप से प्रसारित किया जाना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में सभी संबंधित व्यक्तियों को सुना जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप से जारी किया जाता है।
    जिला दण्डाधिकारी ने संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी जिला भिण्ड अपरिहार्य परिस्थितियों में प्रातः6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारको के 1/4 वॉल्यूम में (ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि 10 डेसीबल से अनधिक) पर अनुमति दे सकेंगे। मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रातः6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रो का पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा परीक्षा अधिनियम 1973 एवं अन्य अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर अन्य आदेश होने तक प्रभावी रहेगा।


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