परिवारों में आयी खुशहाली
पन्ना जिला एक कुपोषित जिले के नाम से जाना जाता रहा है। जिले से कुपोषण के कलंक को मिटाने की कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने ठानी और जिले में संजीवनी अभियान प्रारंभ किया।
इस अभियान को जुलाई 2019 में लागू किया गया। अभियान के तहत जिले के अतिकुपोषित बच्चों की सघनतापूर्वक पहचान की गयी। जिसमें 2827 अतिकुपोषित बच्चे पाए गए। इन बच्चों में विभिन्न तरह का कुपोषण पाया गया। इनमें बहुतायत बच्चे रक्त की कमी से जूझ रहे थे तो कुछ बीमार थे। चिन्हित किए गए बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती कराने के साथ साथ जिन बच्चों को भर्ती नही कराया जा सकता थ उन्हें आंगनबाडी केन्द्रों में रखकर ही आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया गया।
इस अभियान का शुभारंभ कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा एक आदिवासी अतिकुपोषित बच्चे को गोद लेकर किया। इस बच्चे को उन्होंने स्वयं रक्तदान कर इसके जीवन को बचाया। इसके बाद आम लोगों से रक्तदान करने और गोद लेने की अपील की गयी। जिलेभर में लोगों द्वारा 2813 बच्चों को गोद लिया गया। कुछ कुपोषित बच्चों के माता-पिता इस दौरान पलायन कर गए। जिसके कारण उन्हें गोद नही लिया जा सका। गोद लिए गए बच्चों को रक्तदान, उपचार, पोषण आहार उपलब्ध कराया गया। उनमें से 1489 बच्चे कुपोषण की श्रेणी से बाहर आकर पीली श्रेणी में आ गए। वहीं 879 बच्चे सामान्य श्रेणी में पहुंच गए। इस अभियान के तहत प्रत्येक कुपोषित बच्चे के परिवार को आर्थिक रूप से स्वाबलम्बी बनाने के लिए विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं से जोडा गया। पात्रतानुसार परिवारों को योजनाओं का लाभ दिलाया गया। जिनमें ग्रामीण विकास विभाग से 283, कृषि विभाग से 58, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति से 629, उद्यानिकी विभाग से 468 एवं नगरीय विकास विभाग 80 परिवारों को जोडा गया। इसके अलावा अन्य परिवारों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार दिलाने के साथ अन्य निर्माण कार्यो में रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस प्रकार इन कुपोषित बच्चों को नया जीवन मिलने के साथ परिवारों को आर्थिक सम्बल मिला है। जिससे यह परिवार अब खुशहाल हो गए हैं।