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कृषि परिदृश्य एवं आगामी रणनीति पर विचार विमर्श


   प्रदेश की कृषि सलाहकार परिषद के सदस्य श्री केदार सिरोही की अध्यक्षता में शुक्रवार को कृषि परिदृश्य एवं आगामी रणनीति पर विचार विमर्श कर उनके द्वारा सुझाव प्राप्त किए गए है


जिला पंचायत के सभागार कक्ष में हुई इस बैठक में कृषि महाविद्यालय, सहकारिता विभाग, पशु चिकित्सा सेवाएं, खाद्य विभाग, कॉ-आपरेटिव बैंक, जिला  विपणन अधिकारी, मध्यप्रदेश वेयर हाउंसिग कार्पोरेशन, लीड़ बैंक मैनेजर, उद्यानिकी, मत्स्य, रेशम, कृषि यंत्री, बीज प्रमाणीकरण, बीज निगम, कृषि उपज मंडी के अलावा सम्राट अशोक सागर, संजय सागर (बाह्य) नदी परियोजना, स्टेट एग्रो इंडस्ट्रिज डव्लपमेंट कार्पोरेशन के अलावा ग्राम सुनपुरा के प्रगतिशील कृषक श्री थान सिंह यादव ने अपने सुझावों से अवगत कराया।
    कृषि सलाहकार परिषद के सदस्य श्री सिरोही ने कहा कि विदिशा जिला गेंहू की उच्च क्वालिटी शरबती के रूप में जाना जाता है। उन्होंने खाद्यान्न के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रबंधो की जानकारियां प्राप्त की। उन्होंने कहा कि जिले में उद्यानिकी फसलो को बढ़ावा अधिक से अधिक दिया जाए ताकि किसानों को हर रोज नगद आमदनी हो सकें। वही उद्यानिकी फसलों की उत्पादकता अधिक होने से हम कुपोषण जैसे दाग से विमुक्त हो सकते है। उन्होंने उद्यानिकी फसलों के तहत सब्जियां, फल विक्रय के लिए बाजार व्यवस्था के प्रबंधो के संबंध में जानकारी प्राप्त की और किसानों को अधिके से अधिक मुनाफा कैसे हो के सुझाव आमंत्रित किए थे।
    कृषि सलाहकार परिषद के सदस्य श्री सिरोंही ने कहा कि समर्थन मूल्य पर विक्रय करने हेतु आने वाले पंजीकृत किसानबंधु सुबह आएं और शाम तक विक्रय कर घर पहुंच जाए के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने उपार्जन केन्द्रों पर छाया एवं पेयजल के बेहतर प्रबंधों, वही हम्मालों की संख्या ठेकेदार द्वारा दर्ज कराई गई अनुसार है कि नही कि जानकारी बीच-बीच में अनिवार्यतः ली जाए। तौल में किसी भी प्रकार की गड़बडी ना हो यह उपार्जन कार्य के दौरान सबसे बडी चुनौती रहती है। उन्होंने कहा कि तौल में दो से ढाई प्रतिशत का अन्दर सामान्यतः देखने को मिलता है। ऐसी स्थिति विदिशा में निर्मित ना हो।
    किसान समस्याओं से जूझे ना ऐसा नवाचार कर उपार्जन कार्य किया जाए ताकि दूसरे जिले उसका अनुसरण कर सकें। सदस्य श्री सिरोंही के द्वारा सत्यापन, फसल ऋण माफी, वही बैकों की सीडी रेशो, स्किल आफ फायनेंस के अलावा कृषि, उद्यान, मत्स्य को एक यूनिट के रूप में परिवर्तित करने से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कस्टम हायरिंग के उपकरणों का सत्यापन कार्य किया जाए। विभागों के अधिकारियों द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में और क्या नवाचार किया जाए के सुझावों से अवगत कराने की पहल कृषि सलाहकार परिषद के द्वारा की गई है जिसका सदुपयोग करने का आग्रह उनके द्वारा किया गया है।


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