धरोहरों के संरक्षण के लिये सुशासन संस्थान और इंटेक के बीच एमओयू
हर नगरीय निकाय में एक हेरिटेज सेल होना चाहिये, जो नगर की धरोहरों, प्राकृतिक संरचनाओं और विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिये कार्य करे। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के महानिदेशक श्री आर. परशुराम ने संस्थान और इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) नई दिल्ली के साथ एमओयू के दौरान यह बात कही। एमओयू में मध्यप्रदेश की हेरिटेज पॉलिसी, प्राचीन धरोहरों का डॉक्यूमेंटेशन, केपासिटी बिल्डिंग, प्रशिक्षण और कल्चर-21 का एजेंडा बनाने सहित अनेक बिन्दुओं पर कार्य करने के लिये समझौता किया गया है।
श्री परशुराम ने कहा कि सरकार द्वारा जारी विजन डॉक्यूमेंट में चंदेरी, भोपाल और माण्डू जैसे शहरों के विकास को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में कुछ शहरों में ही काम शुरू करना चाहिये। श्री परशुराम ने कहा कि प्राकृतिक विरासत और प्राचीन धरोहरों का संरक्षण चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसके लिये वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर तेजी से कार्य करने की जरूरत है।
इन्टेक के प्रिंसिपल डायरेक्टर श्री नवीन पिपलानी ने कहा कि भोपाल में हेरिटेज विकास संबंधित ट्रेनिंग के लिये एकेडमी खोलने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि गौहर महल सहित अन्य क्षेत्रों के हेरिटेज के संरक्षण कार्य कर चुके हैं। संस्थान के प्रमुख सलाहकार श्री मदनमोहन उपाध्याय ने कहा कि यह एमओयू प्रदेश की प्राचीन धरोहरों और संरचनाओं के संरक्षण के लिये मील का पत्थर साबित होगा। इस दौरान संस्थान के प्रमुख सलाहकार श्री मंगेश त्यागी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।