कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने गुरूवार को गौशालाओं के निर्माण कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गौ-शाला संचालन के लिए जो कंसेप्ट निर्धारित किया गया है के अनुरूप कार्यो का क्रियान्वयन जनपदों के सीईओ अनिवार्यतः कराएं। उन्होंने प्रत्येक गौ-शाला के लिए पांच-पांच गौ सेवकों का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिले की सभी 36 गौ-शालाओं की निगरानी रखने के लिए अधिकारियों को एक-एक गौ-शाला आवंटित की गई है
आवंटित कर उन्हें नोडल, समन्वय अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गौ-शाला की पहली बैठक नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में हो। प्रत्येक गौ-शाला का बैंक खाता अध्यक्ष एवं समिति के सचिव का ज्वाइंट हो। प्रत्येक गौ-शाला में पशुधन की संख्यात्मक जानकारी के लिए पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा गौ-शाला में रखे गए गौवंश के कान में संख्यात्मक टेग लगाया जाएगा।
आधुनिक तरीके से गौ-शालाओं का संचालन हो। गौ-शाला समितियां स्वंय में आर्थिक रूप से सबल हो और गौ-शाला में आवश्यक सामग्री जैसे चारा, पानी, बिजली, साफ सफाई इत्यादि के पुख्ता प्रबंध हो। इसके लिए मॉडल फार्मेट जिला स्तर पर तैयार किया गया है। उक्त फार्मेट के तहत निर्धारित बिन्दुओं पर कार्यवाही करने के निर्देश संबंधितों को दिए गए है।
कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल के अलावा समस्त जनपदों के सीईओ तथा विदिशा एवं बासौदा एसडीएम एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।