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पचमढ़ी उत्सव में पातालकोट की रसोई को मिली वाहवाही

पचमढ़ी उत्सव में पातालकोट की रसोई को मिली वाहवाही


होशंगाबाद जिले के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी में आयोजित महोत्सव में कुटीर और ग्रामोद्योग  विभाग ने सक्रिय  भूमिका निभाई । महोत्सव  में लगभग 97 स्टॉल लगाए गए, जिनमें होशंगाबाद के 22 स्टाल थे। ये स्टॉल खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम, हथकरघा संचालनालय, मृगनयनी एंपोरियम, भाऊ साहब भुस्कुटे समिति, रेशम संचालनालय, माटी कला बोर्ड  और स्व-सहायता समूह जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत, होशंगाबाद ने  लगाए  थे।



कुटीर एवं  ग्रामोद्योग  विभाग के स्टाल्स  में प्रमुख रूप से चंदेरी साड़ियाँ, खादी वस्त्र, रेशम वस्त्र, माटी से निर्मित सामग्री, बांस निर्मित सामग्री, स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित अचार, अगरबत्ती, बड़ी, बेल मेटल, जूट, वुडन आर्ट  आदि सामग्रियों ने  पर्यटकों  को  आकर्षित किया।


 


 


महोत्सव में अन्य जिलों द्वारा 71 स्टॉल लगाए गए।  इन जिलों में प्रमुख रूप से हरदा, बैतूल, भोपाल, रायसेन, इंदौर, खरगोन, सागर, सीहोर, उज्जैन, मंदसौर, बालाघाट, छतरपुर, अशोकनगर, नरसिंहपुर, राजगढ़, देवास थे।


 


प्रमुख  स्टॉल्स   में पड़ाना  बुनकर राजगढ़ की चादरें , अशोकनगर की चंदेरी साड़ियाँ, भैरवगढ़ उज्जैन प्रिंट के सूट, गाउन, मंदसौर जिले की मीनाकारी जेवलरी, बैतूल जिले के बेल मेटल तथा  देवास जिले के लेदर आइटम थे। मेला स्थल पर फूड जोन में 7 स्टॉल लगाए गए। इनमें पातालकोट की रसोई  ने खूब वाहवाही लूटी। छिंदवाडा जिले के विशिष्ट अंचल पातालकोट की रसोई में प्रमुख रूप से मक्के की रोटी, कुटरी भात, बल्लर  साग, टमाटर की चटनी, बरबटी दाल प्रमुख थे। पचमढ़ी उत्सव में आए पर्यटकों ने इन लोक-व्यंजनों की सराहना की।


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