यह कोर्स जुलाई 2020 से शुरू होगा, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया जनवरी 2020 से शुरू हो जाएगी. कोर्स की फीस 50,000 हो सकती है.--------------
वाराणसी. क्या आपने कभी भूतों की कहानी सुनी है. जरूर सुनी होगी और साथ में कहानीकार ने आपको उस व्यक्ति की गतिविधियों के बारे में भी बताया होगा, जो भूतों से प्रभावित हुए. भूतों की दुनिया, हमेशा से ही अलौकिक और रहस्यमयी रही है. लेकिन अब, इसके रहस्य से पर्दा उठने वाला है. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) जल्द ही 'भूत विद्या' का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रही है, जहां इस दुनिया के बारे में रिसर्च होगी. इस कोर्स को बीएचयू का फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद शुरू करने जा रहा है. फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद के डीन यामिनी भूषण त्रिपाठी ने न्यूज हिन्दी को बताया कि भूत विद्या दरअसल, छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स होगा, जिसमें चिकित्सा पद्धतियों के स्नातक या डॉक्टर छात्र पढ़ाई करेंगे. डॉक्टरों को मनोचिकित्सा संबंधी विकारों और असामान्य कारणों से होने वाली मनोवैज्ञानिक स्थितियों के इलाज के लिए उपचार और मनोचिकित्सा के बारे में पढ़ाया जाएगा जिसे कई लोग भूत का असर मानते हैं.
यामिनी त्रिपाठी ने कहा कि महर्षि चरक ने आयुर्वेद की 8 ब्रांच बताई थीं. उसमें 5 ब्रांच को भारत सरकार की सेंटर काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन ने 15 विषयों में बांट दिया. जो तीन ब्रांच छूटी, उसमें रसायन विज्ञान (anti aging), वाजीकरण विज्ञान और भूत विज्ञान शामिल है. देश में पहली बार बीएचयू इन तीन विषयों पर शोध करने जा रहा है. एकेडमिक काउंसिल ऑफ बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी ने इसकी अनुमति भी दे दी है. इसके लिए तीन नए यूनिट बनाए गए हैं. इसके जरिये 6 महीने सर्टिफिकेट कोर्स होगा. चिकित्सा पद्धतियों के स्नातक इसके छात्र होंगे और विभिन्न मेडिकल साइंस, बेसिक साइंस क्षेत्रों के विशेषज्ञों इसे पढ़ाएंगे. मेडिकल के साथ-साथ धर्मविज्ञान और संस्कृत के विशेषज्ञों भी शिक्षकों में शामिल होंगे.